कोरोना काल में मैराथन का अलग स्वरूप
मुंबई- कोरोना काल में जारी विभिन्न प्रतिबंधों के बीच आयोजित दस दिवसीय वर्चुअल मैराथन स्पर्धा में बड़ी संख्या में खिलाडियों ने भाग लिया। यूनाइटेड स्पोर्ट्स के तत्वावधान में इम्युनिटी सिस्टम बढ़ाने में कसरतों के महत्व के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से ‘बॉम्बे रनिंग’ मैराथन का आयोजन किया गया था। धावकों के लिए इस प्रतियोगिता में एक निश्चित दूरी तय करने का लक्ष्य निर्धारित था। प्रतियोगियों ने भी दूरी कर पूरा होने का समय दर्ज कराया।प्रत्येक प्रतियोगी ने डेली 5 से 10 किमी दौड़ने की चुनौती स्वीकार की. चेंबूर, शिवाजी पार्क, मरीन ड्राइव, वर्ली, बांद्रा और जुहू में धावकों ने दौड़ पूरी की और पुरस्कार भी जीता।
कोरोना के चलते मैराथन जैसे अन्य खेलों की प्रतियोगिताओं के आयोजन पर प्रतिबंध है। मैराथन जैसी स्पर्धा एक स्थान पर आयोजित करना संभव नहीं है, इसलिए आयोजकों ने ‘वर्चुअल मैराथन’ का आयोजन किया। बॉम्बे रनिंग रनर्स के लिए एक दिन में पांच या दस किलोमीटर तक दौड़ना था। इस प्रतियोगिता में विभिन्न समूहों में भाग लेते हुए प्रतियोगियों ने आयोजकों को ‘ऐप’ के माध्यम से लक्ष्य पूरा करने के समय की जानकारी दी। कई विजेता धावकों को पुरस्कृत किया गया। ‘बॉम्बे रनिंग’ समूह के प्रमुख दीपक ओबेरॉय ने कहा कि इस तरह की प्रतियोगिताएं धावकों के मनोबल को बढ़ाने में मदद करती है। सिद्धार्थ गुप्ता ने कहा कि इस तरह की खेल गतिविधियां खिलाडियों का अभ्यास करने का अवसर देती हैं और उनमें सकारात्मकता पैदा करती हैं।
लंदन मैराथन में ठाणे के प्रतियोगी
दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण लंदन मैराथन में बड़ी संख्या में ठाणे के लोगों ने वर्चुअल रूप से भाग लिया। डॉ. महेश बेडेकर सहित 6 शौकिया धावकों ने मैराथन में दौड़ लगाई। बेडेकर ने 3 घंटे और 33 मिनट में 42.2 किमी की दूरी तय की। बेडेकर हर साल कम से कम एक मैराथन में दौड़ लगाते हैं. हीरानंदानी में लंदन के मानक समय के अनुसार सुबह 4.30 बजे ठाणे के मीडोज से शुरुआत की गयी ।