कोरोना संक्रमण के बाद बहरेपन में वृद्धि
डॉक्टरों ने दी सावधनी बरतने की सलाह
मुंबई-कारोना संक्रमण से प्रभावित कुछ लोगों में उपचार के बाद ठीक होने पर बहरेपन (कम सुनाई देना) की शिकायतें आ रही हैं. इस समस्या को देखते हुए डॉक्टरों ने सावधानी बरतने की सलाह दी है. विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना का संक्रमण कान की रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करता है, जिससे बहरेपन की शुरुआत होती है। हालांकि ये मामले काफी दुर्लभ हैं लेकिन इनकी अनदेखी नहीं की जा सकती।यदि रोगियों को संक्रमण के दौरान या बाद में कान से संबंधित समस्याओं का अनुभव होता है तो उन्हें जांच करानी चाहिए। वोक्हार्ट अस्पताल के डॉक्टर केदार तोरस्कर ने बताया कि कान की रक्त वाहिकाओं में थक्के बनने के कारण कोरोना संक्रमण के दौरान या बाद में अचानक बहरापन (सेन्सिन्यूरल हियरिंग लॉस) का कारण बनता है।
कोरोना से गंभीर संक्रमित एक 35 वर्षीय व्यक्ति को तीन सप्ताह की गहन देखभाल के बाद घर पर छोड़ दिया गया था। उसके बाद उसे दाहिने कान से सुनने में दिक्कत हो गई। इसी तरह से एक कोरोना के हल्के लक्षणों वाले 50 वर्षीय व्यक्ति में भी कोरोना उपचार के दौरान कुछ बहरापन भी था। संक्रमण से मुक्त होने के बाद इनमें से अधिकांश रोगियों को हालत से पीड़ित पाया गया है, डॉ। आशीष भूमकर ने कहा।
कान के रोगियों में वृद्धि
ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. आशीष भूमकर के अनुसार कोरोना विजेताओं में कम सुनाई देने या बहरेपन की शिकायत बढ़ रही है. कान से मवाद निकलना या इस तरह की शिकायतों के साथ कोरोना संक्रमण के बाद ठीक हुए मरीजों में इन घटनाओं की तेजी से वृद्धि देखी गई है। चक्कर आने की ज्यादातर शिकायतें कान के संतुलन पर असर के कारण थीं।