केंद्र सरकार की ओर से जारी सामाजिक सुरक्षा कोड-2020 (Social Security Code 2020) के ड्राफ्ट में प्रावधान किए गए हैं. कहा जा रहा है कि अगले साल के अप्रैल से नया श्रम कानून देश भर में लागू किया जाएगा. जिसके बाद नई नौकरियों की जानकारी तीन दिन में ही मिल जाएगी.
नई दिल्ली: कोरोना काल में छीन गए रोजागर की स्थिति को सुधारने के लिए केंद्र सरकार (central government) ने कदम उठाया है. केंद्र सरकार की ओर से जारी सामाजिक सुरक्षा कोड-2020 के ड्राफ्ट में प्रावधान किए गए हैं. केंद्र सरकार ने 13 नवंबर को यह ड्राफ्ट जारी किया है और लोगों से सुझाव मांगे हैं. कहा जा रहा है कि अगले साल के अप्रैल से नया श्रम कानून देश भर में लागू किया जाएगा. जिसके बाद नई नौकरियों की जानकारी तीन दिन में ही मिल जाएगी. केवल सरकारी नौकरी ही नहीं बल्कि प्राइवेट सेक्टर की बड़ी कंपनियों को भी राज्य व केंद्र सरकार (central government) के पोर्टल (Portal) पर जानकारी देनी होगी. इससे बेरोजगारों को नौकरी के अच्छे अवसर मिल सकेंगे.
हर राज्य में करियर सेंटर बनेगा: केंद्र सरकार के नए श्रम कानूनों में प्रावधान के मुताबिक, केंद्र समेत हर राज्य में एक करियर सेंटर (Career centers) बनाए जाएंगे. इनका काम नौकरी और रोजगार से जुड़े आंकड़ों का टाटाबेस तैयार करना होगा. सरकार ने कोड ऑन सोशल सिक्योरिटी के ड्राफ्ट नियम जारी कर दिया हैं. इसके मुताबिक, अब सरकारी और निजी क्षेत्र को रिक्तियों की जानकारी राज्य या फिर केंद्र सरकार के आधीन करियर सेंटर में देनी होंगी. यही नहीं जिन राज्योंमें करियर सेंटर उपलब्ध नहीं होगा वहां से जुड़ी नौकरियां केंद्रीय सेंटर पर ही दी जा सकेंगी.
डिजिटल माध्यम पर जानकारी: नए कानून में ये भी प्रावधान किए गए हैं कि राज्य सरकारों और केंद्र सरकार से संबधित सिस्टम में नई नौकरी के बारे में पता चलते हैं 3 दिन के अंदर दूसरे माध्यम के साथ डिजिटल माध्यम के जरिए बताना होगा. केंद्र सरकार ने ये प्रावधान किया है कि राज्य सरकारों को करियर सेंटर घोषित करना होगा. इसके लिए वो मौजूदा रोजगार कार्यालय को भी इसका हिस्सा बना सकते हैं. साथ ही किसी भी सरकारी या फिर निजी निकाय के साथ समझौते का भी प्रावधान किया गया है. सरकारी या फिर निजी निकाय के साथ समझौते का भी प्रावधान किया गया है. हालांकि सरकार ने ये भी साफ किया है कि नई व्यवस्था से जुड़ी अधिसूचना पूरी होने तक मौजूदा रोजगार कार्यलय काम करते रहेंगे.
सभी विभागों को जानकारी देनी होगी : सरकारी विभागो से जुड़ी या फिर प्राइवेट सेक्टर यानी जहां 50 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हों, उनको इस व्यवस्था में उपलब्ध वैकेंसी की जानकारी देते हुए ही नई नौकरी देनी होगी. वहीं यदि कोई भी नियोक्ता (Employer) किसी और राज्य में भी नौकरी देना चाहता है यदि किसी को दूसरे राज्य में नौकरी की जरूरत होती है तो उसे केंद्रीय करियर सेंटर पर इसकी सूचना मैनुअल या फिर डिजिटल माध्यम से देना अनिवार्य होगा. नई नौकरी की जानकारी देने की एक सीमा तय की गई है. क्षेत्रीय करियर सेंटर पर परीक्षा या इंटरव्यू के आवेदन की आखिरी तिथि से 15 दिन पहले और केंद्रीय करियर सेंटर पर 40 दिन पहले सूचना देना अनिवार्य होगा.
करियर सेंटर का क्या होगा काम: होगाराज्यों में बनाए गए करियर सेंटरों का काम नौकरी और ट्रेनिंग देने वालों का समुचित डाटाबेस तैयार करना होगा. करियर सेंटरों का खास तौर पर नौकरी देने वाले लोगों और बेरोजगारों की जानकारी इकट्ठा करनी होगी. साथ ही व्यवसायिक मार्ग दर्शन, करियर काउंसलिंग और स्वरोजगार की दिशा में मार्गदर्शन देने के इच्छुक लोगों का भी डाटाबेस तैयार करना होगा. कोड ऑन सोशल सिक्योरिटी 2020 से जुड़ा ड्राफ्ट नोटिफिकेशन 13 नवंबर को जारी कर दिया गया है और इस पर सभी हितधारकों से 45 दिनों के भीतर सुझाव मांगे गए है. उसके बाद ये देश में कानून बन जाएगा.